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Showing posts from October, 2019

प्यार

प्यार क्या है .. ?? हमारी नजर मे प्यार एक एहसास है, भावना है। जो कब किस से हो जाए कोई नही जानता। बस आंखो से आंखे मिली और कौन कब दिल के करीब आ गया कोई नहीं जानता। प्यार किया नही जाता बस हो जाता है , प्रेम किसी भी उम्र मे हो सकता है प्रेम परंपराएँ तोड़ता है। प्यार त्याग व समरसता का नाम है। प्रेम की अभिव्यक्ति सबसे पहले आँखों से होती है और फिर होंठ हाले दिल बयाँ करते हैं। और सबसे मज़ेदार बात यह होती है कि आपको प्यार कब, कैसे और कहाँ हो जाएगा आप खुद भी नहीं जान पाते। वो पहली नजर में भी हो सकता है और हो सकता है कि कई मुलाकातें भी आपके दिल में किसी के प्रति प्यार न जगा सकें। प्रेम तीन स्तरों में प्रेमी के जीवन में आता है। चाहत, वासना और आसक्ति के रूप में। इन तीनों को पा लेना प्रेम को पूरी तरह से पा लेना है। इसके अलावा प्रेम से जुड़ी कुछ और बातें प्रेम का दार्शनिक पक्ष- प्रेम पनपता है तो अहंकार टूटता है। अहंकार टूटने से सत्य का जन्म होता है। यह स्थिति तो बहुत ऊपर की है, यदि हम प्रेम में श्रद्धा मिला लें तो प्रेम भक्ति बन जाता है, जो लोक-परलोक दोनों के लिए ही कल्याणकारी है। इसलिए गृहस...

मां

आजकल लोग भूलने बहुत लग गए है, अभी कल ही की बात है एक बेटा अपनी मां को ही भूल गया, वृद्धाश्रम में। और जानबूझकर भूल गया है। उस मां जो खुद को मारकर उसके लिए जी, वो माँ जो उसको सुलाने के लिए रातभर जागी, वो माँ जिसने पिताजी से छुपाकर अपनी थोड़े बचाए पैसे अपने उस बेटे को दे दिए ताकि वो अपने दोस्तों के साथ मस्ती कर सके, वो मां जिसने उसकी शादी के लिए अपने गहने उसकी पत्नी को दे दिया। आज उस मां के पास कुछ नही है तो वो मां उस बेटे के लिए बोझ लगने लगी है। क्यों? उस मां ने तो कभी उस बेटे को बोझ नही समझा? पर मां तो मां है, वृद्धाश्रम मे है लेकिन हर सुबह शाम अपने बेटे की लंबी उम्र उसकी खुशहाली के लिए मन्नत मांगती है। सोचने वाली बात ये है कि ये जो आजकल हम आप मां बाप को बोझ समझने लगे हैं कल को जब हमारा बुढ़ापा आएगा तो हमारे बच्चे हमारे साथ ये सब नही करेंगे? सोचना जरूर।