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Showing posts from January, 2022

भारतीय राजनीति किस मोड़ पर

भारतीय राजनीति किस मोड़ पर ? आज भारतीय राजनीति जिस मोड़ पर खड़ी है, उसमें इस सवाल का उत्तर तलाशना होगा कि राजनीति केवल दल हित के लिए है या इसका सरोकार राष्ट्रहित से है या नहीं? राजनीतिक धूर्तता का परिणाम जनजीवन और देश हित को प्रभावित कितना करेगा? आज की राजनीतिक परिस्थिति में केवल राजनीतिक कदम के लिए कई प्रकार के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। इस बात का भी किसी को ध्यान नहीं रहता कि उनके कारनामो से राष्ट्रहित कितना प्रभावित होता है और दुनिया में उनकी हरकतों का क्या प्रभाव होता है, राजनीतिक लक्ष्य राष्ट्र और समाज हित से परे हो जाता है तो फिर राजनीति देश के लिए संकट का कारण भी बन सकती है। राष्ट्र और समाज हित के नाम के राजनीति को किसी एक बिन्दु पर लिखने की अपेक्षा रहती है। राजनीति का भी धर्म राष्ट्र के लिए होता है। यदि नेतृत्व राष्ट्रहित को भी राजनीति की बलि चढ़ाने के लिए तत्पर होता है या राष्ट्रहित को राजनीति से विलोपित कर देता है तो ऐसी राजनीति राष्ट्र के लिए संकट का कारण बन जाती है। गांधीजी ने भी कहा था कि बिना धर्म के राजनीति वैश्या के समान, क्या हम उसी ओर जा रहे है? एक प्रधानमंत्री प...